पहलगाम हमला: भारत आज यूएनएससी की 1267 प्रतिबंध समिति को टीआरएफ के खिलाफ नए सबूत सौंपेगा
भारत आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 प्रतिबंध समिति के सामने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग के साथ नए और ठोस सबूत पेश करने जा रहा है।
CNN-News18 को सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल आज ऐसे सबूत पेश करेगा जो पाकिस्तान की आतंकी साठगांठ को उजागर करेंगे, विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में TRF की भूमिका को रेखांकित करते हुए। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। भारत द्वारा प्रस्तुत डोजियर का उद्देश्य TRF को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कराने की कोशिशों को मजबूती देना है, जिसे व्यापक रूप से पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है। टीम TRF के सदस्यों पर प्रतिबंध और यात्रा प्रतिबंध लगाने की भी मांग कर सकती है।
यह तीसरी बार है जब भारत TRF को सीमा पार आतंकवाद से जोड़ने वाले प्रमाणों के साथ 1267 समिति का रुख कर रहा है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पहले की दो कोशिशों को ठोस सबूतों के बावजूद रोक दिया गया था।
क्या पाकिस्तान TRF को बचा रहा है? :
पाकिस्तान, जो यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है, चीन के सहयोग से लंबे समय से TRF को परिषद में संरक्षण प्रदान करता रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने TRF का नाम 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने वाले यूएनएससी के बयान में शामिल होने से भी रोक दिया। TRF ने इस हमले की दो बार जिम्मेदारी ली है।
यूएनएससी 1267 पैनल:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा 1999 में स्थापित 1267 प्रतिबंध समिति का उद्देश्य आईएसआईएस, अल-कायदा और उनके सहयोगी संगठनों से जुड़े आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करना है। यह समिति ऐसे व्यक्तियों और संगठनों पर प्रतिबंध, संपत्ति जब्ती और यात्रा प्रतिबंध जैसे कठोर कदम लागू करती है, जो इन आतंकी नेटवर्कों से जुड़े होते हैं। ये उपाय यूएनएससी के रिज़ॉल्यूशन 1267 (1999), 1989 (2011) और 2253 (2015) के तहत लागू किए जाते हैं। शीर्ष सूत्रों के अनुसार, भारत के पास पाकिस्तान की लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से लंबे समय से चली आ रही साठगांठ के पक्के खुफिया सबूत हैं। पहलगाम हमले की जांच का उद्देश्य इसी आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करना है।
द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लश्कर-ए-तैयबा का छद्म संगठन बनकर उभरा। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में पुष्टि हुई है कि TRF घाटी में आतंकी हमलों की साजिश रचना, हत्याएं, आतंकियों की भर्ती और हथियारों की तस्करी जैसे मामलों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष :
गौरतलब है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान की आतंकी साठगांठ को वैश्विक मंच पर उजागर करने का निर्णय ऐसे समय लिया है जब कुछ ही दिन पहले नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ था। हालांकि, पहलगाम हमले के जवाब में, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों के ज़रिए जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे भारतीय राज्यों को निशाना बनाया। भारत के रक्षा प्रणाली ने सभी हमलों को प्रभावी ढंग से विफल किया और पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई की।